ट्राइबल की गंभीर समश्या ! देश की संसद कुछ कायदा बनती है , संविधान कुछ हक़ देता है , सुप्रीम कोर्ट छीन लेता है यह आज कल विशेष रूप से देश के आदिवासी यानि ट्राइबल्स के साथ होतो हुवा दिखाई देता है। देश में कुल आबादी का ७ प्रतिशत ट्राइबल्स है माना जाता है जिसे हिंदी में हम आदिवासी कहते है। कुछ आदिवासी अपने आप को अवैदिक मानते है और कहते है उनके धर्म अलग है। कुछ पढ़ेलिखे तो वेद धर्मी रावण को भी आदिवासी मानते है और आज कल अपने बेटे बेटी के शादी ब्याह में वैदिक धर्मी ब्राह्मण बुलाकर वेद मंत्रोse शादी करते है , विशेष अवसर पर सत्य नारायण पूजा भी ब्रह्मिनो से करते है। अभी तो वैदिक धर्मी ब्राह्मण भी अपने आप को आदिवासी है कहने लगे है। जो आदिवासी हमारा धर्म अलग है कहते है और अपने आप को हिन्दू धर्मी नहीं मानते। आदिवासी में भी कुछ अपने आप को असली आदिवासी कहते है और कुछ लोगो को नकली आदिवासी कहते है। नेटिव रूल मूवमेंट सभी गैर ब्राह्मण यानि ९७ प्रतिशत हिंदुस्तानी लोगो को नेटिव यानि मूल भारतीय , हिन्दू , हिंदुस्तानी मानता है और केवल ३ प्रतिशत विदेशी वैदिक धर्मी ब्रह...
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Showing posts from February, 2019
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पांच नाग राजांचे राष्ट्र म्हणजे अखंड हिंदुस्थान ! वासुकी ,मंदार ,अनंत ,तक्षक ,शेष हे ते पांच नाग राज ! अखंड हिंदुस्थानात पांच नाग राजांचे राज्य होते ते म्हणजे दक्षिण हिंदुस्थानात वासुकी नाग , मध्य हिंदुस्थनांत नाग मंदार , जम्मू - काश्मीर -लद्धाक मध्ये अनंत नाग , त्या वर आजच्या अफगाणिस्थान , पाकिस्तान सकट प्रदेशावर तक्षक नाग आणि हिमालयात शेष नाग ! भगवान शिव , राम , कृष्ण , बुद्ध , महावीर हे सर्व नागवंशी ! काश्मीर सकट सर्व हिंदुस्थानात जी अशांती आहे त्याला कारण विदेशी वैदिक ब्राह्मिन धर्मी लोकांची घुसपेठ होय ! अखंड हिंदुस्थान निर्माण करणे हे नेटिव्ह रुल मोव्हमेन्ट चे ध्येय आहे ! नेटविस्ट डी डी राऊत , अध्यक्ष , नेटिव्ह रुल मोव्हमेन्ट
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आरपीआय , बीएसपी , नेटिव पीपल्स पार्टी के वैचारिक मत भिन्नता को समझे ! आरपीआइ स्थापना सन १९५६ , बीएसपी स्थापना सन १९८४ , नेटिव्ह पीपल्स पार्टी स्थापना सन १९९३ , भारिप स्तापना सन १९९९ आरपीआई विभाजन के बाद . बीएसपी , भारिप दोनो आरपीआय से निर्मित जिसकी विचारसरणी आंबेडकरवाद , फुले - आंबेडकर - शाहू - पेरियार वाद रहा है . आरपीआय के कूच धडे केवल बुद्ध - आंबेडकर के विचार माननेका आग्रह करते है ! अम्बेडकरी विचार में विदेशी ब्राह्मण भी उनके सभी काम में इनके साथ लिए जाते है। ब्रह्मिणवाद का विरोध करो , ब्राह्मण का नहीं यह इनका विचार रहा है। बहिष्कृत समाज अर्थात सेदुलकास्ट से शुरू हुवा कार्य बाबासाहेब अम्बेडकरजी के महानिर्वाण तक १४-१५ प्रतिशत एस सी से बढ़कर ८५ प्रतिशत कांशीरामजी के फॉर्मूले से होता हुवा शतप्रतिशत अर्थात सर्वजन यानि विदेशी ब्राह्मण सह १०० प्रतिशत तक पहुंच गया है ! सामाजिक पिछड़ा पन से अब आर्थिक पिछड़ा पन को मानते हुवे वे अब सवर्ण गरीब आरक्षण १० प्रतिशत का समर्थन करते है। आरपीआय के पहले डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर जो सामाजिक , राजकीय कार्य करते रहे है उसमे ...